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सवाई जयसिंह द्वितीय की उपलब्धियों की विस्तृत रूपरेखा,राजस्थान की राजनीति में सवाई जयसिंह की देन का मूल्यांकन

औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात् मराठों ने मुगल साम्राज्य की दुर्बलता का लाभ उठाते हुए समस्त भारत में अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू कर दिया। उन्होंने दक्षिण में अपनी स्थिति सुदृढ़ कर ली और उत्तरी भारत पर भी अपना प्रभुत्व स्थापित करने का निश्चय कर लिया। पेशवा बाजीराव ने मुगलों की दुर्बलता का लाभ उठाकर मालवा, … Read more

राजपूताना में मराठों के हस्तक्षेप के कारण एवं परिणाम

प्रस्तावना – पेशवा बाजीराव प्रथम एक पराक्रमी तथा महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति था। उसने मुगल-साम्राज्य की दुर्बलता का लाभ उठाकर उत्तर भारत में मराठों की प्रभुता स्थापित करने का निश्चय किया। 1728 ई.में मराठों ने मालवा पर आक्रमण किया और वहाँ के मुगल गवर्नर गिरधर बहादुर को बुरी तरह से पराजित किया। वह मराठों से लड़ता हुआ … Read more

महाराणा प्रताप की मुगल प्रतिरोधी नीति का मूल्यांकन,अकबर के साथ प्रताप के सम्बन्ध

भूमिका – ‘नैणसी री ख्यात’ के अनुसार प्रताप का जन्म ज्येष्ठ शुक्ला तृतीया वि.सं.1597 तद्नुसार 9 मई,1540 ई.को हुआ था। महाराणा उदयसिंह ने अपने जीवनकाल में ही अपने छोटे पुत्र जगमालसिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था, परन्तु महाराणा उदयसिंह की मृत्यु के साथ ही उत्तराधिकारी-संघर्ष प्रारम्भ हो गया। कुछ सरदार जगमाल को सिंहासन … Read more

मारवाड़ के राव मालदेव की उपलब्धियों और चरित्र का मूल्यांकन

राव मालदेव राव गाँगा का ज्येष्ठ पुत्र था। अपने पिता के समय में ही मालदेव ने अनेक सैनिक अभियानों में भाग लिया था और अपने युद्धकौशल का प्रदर्शन किया था। राव गाँगा की मृत्यु के बाद 5 जून, 1531 ई.को मालदेव मारवाड़ की गद्दी पर बैठा। डॉ. ओझा,डॉ. रघुवीर सिंह आदि के अनुसार मालदेव ने … Read more

मत्स्य जनपद एवं बैराठ की सभ्यता पर लेख,”मौर्यकाल में बौद्ध धर्मानुयायियों का एक प्रसिद्ध केन्द्र था।”

मत्स्य जनपद मग 4000 ई.पू. आर्यों का अपने मूल स्थान से भारत में प्रवेश हआ और धीरे-धीरे भारत में फैलते चले गये । भारत में प्रारम्भिक आर्य संक्रमण के बाद राजस्थान में आर्य नों का प्रवेश हुआ और मत्स्य जनपद उन जनपदों में से एक था। इस प्रकार यह जनपद एकप्राचीन जनपद था। मत्स्य जनपद … Read more

आहड़ सभ्यता का महत्व, आहड़ सभ्यता की भौगोलिक स्थिति

आहड की सभ्यता भी अन्य प्राचीन सभ्यताओं की भाँति नदियों की घाटी में ही विकसित यह सभ्यता बनास नदी की घाटी में विकसित हुई । यह सभ्यता चार हजार वर्ष पुरानी मानी की। यह सभ्यता भी राजस्थान की अत्यन्त प्राचीन एवं गौरवपूर्ण सभ्यता मानी जाती है। आहड की भौगोलिक स्थिति – आहड़ अरावली पर्वत की … Read more

कालीबंगा सभ्यताओं की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन, कालीबंगा सभ्यता के सांस्कृतिक महत्व

कालीबंगा सभ्यता कालीबंगा सभ्यता की जानकारी के लिए यहाँ कई सोपानों में खुदाई का काम पुरातत्व विभाग भारत सरकार द्वारा किया गया। घग्घर नदी (जिसका प्राचीन नाम सरस्वती था) के दो टीलों को चुना गया जो आस-पास की भूमि से लगभग 12 मीटर की ऊंचाई पर थे और जिनका क्षेत्रफल 12 किलोमीटर था। इनमें गहरी … Read more

खानवां के युद्ध के परिणाम,युद्ध में राणा सांगा के पराजय के कारण और सम्पूर्ण युद्ध से जुड़ी जानकारी -The War of Khanava

(1) बाबर द्वारा राणा सांगा पर विश्वासघात का आरोप लगाना – बाबर ने अपनी कथा ‘बाबरनामा’ में राणा सांगा पर सन्धि करने और विश्वासघात करने का आरोप लगाया। हमने इब्राहिम लोदी को परजित किया और दिल्ली व आगरा पर अधिकार स्थापित किया लेकिन वह उफिर (सांगा) अभी तक नहीं आया।धौलपुर और बयाना पर अधिकार कर … Read more

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