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चम्बल बेसिन पर विस्तृत भौगोलिक निबन्ध – Detailed Geographical Essay on Chambal Basin

चम्बल बेसिन प्रदेश-इस प्रदेश का विस्तार 23°50′ उत्तर से 27°50′ उत्तर तथा 75°15′ पूर्व से 78°15′ पूर्व के बीच है। इसका कुल क्षेत्रफल 50,026 वर्ग किलोमीटर तथा जनसंख्या 98.12 लाख है। इस प्रकार यह 217 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर का घनत्व परिलक्षित करता है । इसके अन्तर्गत राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर, सवाईमाधोपुर,बूंदी,कोटा, बारां, झालावाड़ तथा … Read more

राजस्थान में पशुधन के विकास की समस्याएँ -इसके समाधान के सुझाव

पशु-सम्पदा की दृष्टि से राजस्थान भारत का एक प्रमुख एवं सम्पन्न राज्य है। वहाँ भारत के कुल पशुधन का लगभग 11.2% भाग है । जहाँ 1951 में राजस्थान में पशुओं की कुल संख्या 255 लाख के लगभग थी,वह 1997 की पशुगणना के अनुसार 546.7 लाख हो गई। 2003 की पशु संगणना के अनुसार राज्य में … Read more

इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना का विवरण,राजस्थान नहर या इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना पर एक संक्षिप्त

इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना (Indira Gandhi Canal Pration हटिरा गाँधी नहर परियोजना – (राजस्थान नहर) विश्व की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है सदियों से वीरान पड़े रेगिस्तान के एक बहुत बड़े भू-भाग को हरे-भरे लहलहाते खेतों परिवर्तित करने का सपना संजोया है । बूंद-बूंद के लिए तरसती प्यासी रेगिस्तान की भमिकी नहर के जल से … Read more

राजस्थान की ग्रीष्म ऋतु, शीत ऋतु व वर्षा ऋतु की दशाओं का वर्णन – in hindi

किसी भू-भाग पर लम्बी अवधि के दौरान विभिन्न समयों में विविध मौसमों की औसत अवस्था उस भू-भाग की जलवायु कहलाती है। मौसम का तात्पर्य मुख्यतया छोटी अवधि, जैसे एक दिन, एक सप्ताह, एक माह अथवा इससे कुछ अधिक जबकि जलवायु एक लम्बी अवधि के दौरान किए गए अनुवीक्षणों के द्वारा निर्धारित दशाओं के औसत के … Read more

राजस्थान में सूती वस्त्र उद्योग का विकास,राज्य में सूती वस्त्र उद्योग के प्रमुख कारखाने – Full Detail

राजस्थान में निर्माण उद्योगों में सूती वस्त्र उद्योग सबसे प्राचीन एवं संगठित उद्योग है। यह उद्योग राज्य में ग्रामीण व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराने वाला प्रमुख उद्योग है। इस उद्योग में संलग्न श्रमिकों की संख्या, उत्पादित पक्के माल का मूल्य और विदेशी व्यापार की दृष्टि से यह उद्योग राजस्थान के अन्य बड़े पैमाने के उद्योगों … Read more

राजस्थान के औद्योगिक विकास में आने वाली बाधाओं/समस्याओं का सा देते हए राज्य में औद्योगिक विकास की संभावनाओं का आंकलन

राजस्थान के औद्योगिक विकास में बाधाएँ। राजस्थान प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। यहाँ अनेक प्रकार के कृषिजन्य पदार्थ तथा खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। पशुधन बड़ी संख्या में है,पर्याप्त जनसंख्या है, पूँजी भी पिछड़ेपन के निम्नलिखित कारण हैंलिपल मात्रा में है लेकिन फिर भी राजस्थान राज्य औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा है। इसके (1) स्थलाकृति – … Read more

राजस्थान का उत्तर- दक्षिणी-पूर्वी पठार लावा प्रदेश अथवा हाड़ौती का पठार आदि से जुड़ी संपूर्ण जानकारी

उत्तर- दक्षिणी-पूर्वी पठार लावा प्रदेश अथवा हाड़ौती का पठार – राजस्थान का दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्र एक सुनिश्चित भौगोलिक इकाई है जिसे हाड़ोती के पठार’ के नाम से जाना जाता है। इसके अन्तर्गत कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ जिला शामिल किया गया है । इसका विस्तार 23°57′ से 25°27′ उत्तरी अक्षांश एवं 75°15 से 77°75’ पूर्वी देशान्तर … Read more

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